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तेरी मौजूदगी से ही जीवन में बहारें छाई रहती थी।



तेरी मौजूदगी से ही जीवन में बहारें छाई रहती थी।
तेरे होने से ही जीवन के हर लम्हे में निखार रहता था।

हर पल ही करती रहती थी, बस सबसे हंसी ठिठोली।
बनकर रहती थी, हमेशा हमारे साथ हमारी हमजोली।
 
कभी रूठती, कभी मानती करती रहती थी अठखेली।
कभी सताती, कभी रुलाती तू तो थी बड़ी मुंहबोली।

बनाकर बहाने प्यारे-प्यारे सारे काम करवा लेती थी।
पापा की प्यारी, सबकी दुलारी व मेरी रानी बिटिया थी।

सुख-दुख की हमारी सबसे पक्की सच्ची सहेली थी।
कभी समझाती, कभी संग जमाने के चलना सिखाती थी।

बनकर चिड़िया आंगन में हमेशा चहकती रहती थी।
तेरी आवाज घर के हर कोने में खनकती रहती थी।

ब्याह करके विदा किया दूसरे घर की शोभा बढ़ा दी। 
अपने घर आंगन को सुनसान करके वीरानियां बसा दी।

ना मौजूदगी तेरी, अब हमको हर पल रुलाती रहती है।
याद करता है, तुझे हर कोना अब तू दिल में रहती है।

कैसे समझाऊं किसी को तेरी ना मौजूदगी का फर्क।
जब हमने खुद से ही दुनियां की रीति निभाई सहर्ष।

-"Ek Soch"


 #ना_मौजूदगी_तेरी_team_alfaz
#new_challenge

There is new challenge of poem/2 line/4 line in whatsapp group (link in bio)
Today's Topic is 

 *ना मौजूदगी तेरी*


तेरी मौजूदगी से ही जीवन में बहारें छाई रहती थी।
तेरे होने से ही जीवन के हर लम्हे में निखार रहता था।

हर पल ही करती रहती थी, बस सबसे हंसी ठिठोली।
बनकर रहती थी, हमेशा हमारे साथ हमारी हमजोली।
 
कभी रूठती, कभी मानती करती रहती थी अठखेली।
कभी सताती, कभी रुलाती तू तो थी बड़ी मुंहबोली।

बनाकर बहाने प्यारे-प्यारे सारे काम करवा लेती थी।
पापा की प्यारी, सबकी दुलारी व मेरी रानी बिटिया थी।

सुख-दुख की हमारी सबसे पक्की सच्ची सहेली थी।
कभी समझाती, कभी संग जमाने के चलना सिखाती थी।

बनकर चिड़िया आंगन में हमेशा चहकती रहती थी।
तेरी आवाज घर के हर कोने में खनकती रहती थी।

ब्याह करके विदा किया दूसरे घर की शोभा बढ़ा दी। 
अपने घर आंगन को सुनसान करके वीरानियां बसा दी।

ना मौजूदगी तेरी, अब हमको हर पल रुलाती रहती है।
याद करता है, तुझे हर कोना अब तू दिल में रहती है।

कैसे समझाऊं किसी को तेरी ना मौजूदगी का फर्क।
जब हमने खुद से ही दुनियां की रीति निभाई सहर्ष।

-"Ek Soch"


 #ना_मौजूदगी_तेरी_team_alfaz
#new_challenge

There is new challenge of poem/2 line/4 line in whatsapp group (link in bio)
Today's Topic is 

 *ना मौजूदगी तेरी*