ज़िस्म से रूह तक का सफ़र तय करना है। हमको मोहब्बत में हद से गुजरना है। वादों से परे रूहानी इश्क़ है हमारा ! मुझे तेरा सिंदूर तुम्हें हमसफ़र बनना है। रस्मों रिवाजों की डोर पकड़ कर! क़दम दर क़दम तेरे संग चलना है। तुम रहो तो मैं रहूँ और ये जीवन हो! दो हँसों की जोड़ी सा हमें प्यार करना है। 🎀 प्रतियोगिता संख्या- 45 🎀 शीर्षक:- ""वादे से परे,रूहानी इश्क़ हमारा"" 🎀 शब्द सीमा नहीं है। 🎀 इस प्रतियोगिता में आप सभी को इस शीर्षक पर collab करना है।