कभी खुद से ही मिलते हैं कभी औरों को समझते हैं लिखते लिखते लेखक अपना ही व्यक्तीत्व निखारते हैं। जरुरी नही की हर लिखावट लिखनेवाले के लाईफ से जुड़ी हो।काल्पनिक या पास-पड़ोस, समाज से भी बहुत कुछ सीखने को मिलता हैं जो कही ना कही व्यक्त हो जाता हैं। कितना भी कुछ सिखों कहीं कुछ अधुरा ही होता हैं। #yqdidi #yqbaba#yqtaai #yqtales#lekhan #bestyqhindiquotes