कलयुग मे,न सीता है न राम है, कलयूगी लोगो के बीच,प्रेम भी बदनाम है, कूछ भी आज शुद्ध नही,,यहां दोस्तो,, हर तरफ मिलावट ही मिलावट है, मुश्किल है,सच झूठ का पता लगाना,,यहां, क्या खूब की सबने यहां ,बूराई की सजावट है,, kalyug🖎#nojoto #openpoetry #kalyug