घर मेरा... वो माँ का दिल आँखें खिड़की रोशन झिलमिल मजबूत दीवारें कांधो की नीला आँचल सपनों वाला छत छाँव उसी भरोसे की हाथों की खुली किवाड़ कोई कोशिश न थी कभी बाँधने की इतनी मुझको आज़ादी दी उस टिमटिम खिड़की से मुझको मेरा आकाश दिखाती थी यों तो उड़ने की राह कभी वो ख़ुद तो नहीं बताती थी पर हल्के से मुस्काकरके पंख मुझे लगाती थी... प्रार्थना में फैला कर आँचल जी को फिर सिमटा लाती थी अब गए सिमट स्पंदन के स्वर बिखर गया मेरा ये घर #toyou #yqmummy #missingyou #yqlove #yqmemorylane #yqmeandyou