कब तक दूर रहोगे इस नाराज़गी से कब तक आस लगाओगी इस सादगी से मोहब्बत थोड़ी सी भी है तुमारी इस आशिक़ी में तो फिर क्यू तड़पा रही हो इस आशिक को अपनी आशिक़ी में Alviजी