धूप में निकलो घटाओ में नहाकर देखो ज़िन्दगी क्या है किताबों को हटाकर देखो सिर्फ़ आंखों से ही दुनियां नहीं देखी जाती दिल की धड़कन को भी बीनाई बनाकर देखो पत्थरों में भी जबां होती हैं दिल होते हैं अपने घर की दरो-दीवार सजाकर देखो वो सितारा है चमकने दो यूं ही आंखों में क्या ज़रूरी है उसे जिस्म बनाकर देखो फासला नज़रों का धोखा भी तो हो सकता है चांद जब चमके तो ज़रा हाथ बढ़ाकर देखो #HopeMessage हाथ बढ़ाकर देखो...!!