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अल्फाज़ हैं मगर, कुछ दर्द अल्फाज़ में बयां नही होते,

अल्फाज़ हैं मगर, कुछ दर्द अल्फाज़ में बयां नही होते,
मतलबी दुनियां में हर कोई अपने नही होते,
ठोकरों से सीख ली हमने दर्द को छुपाना।
क्योंकि अब दर्द में मलहम लगाने वाले भी मतलबी होते।। मतलबी है हम
अल्फाज़ हैं मगर, कुछ दर्द अल्फाज़ में बयां नही होते,
मतलबी दुनियां में हर कोई अपने नही होते,
ठोकरों से सीख ली हमने दर्द को छुपाना।
क्योंकि अब दर्द में मलहम लगाने वाले भी मतलबी होते।। मतलबी है हम

मतलबी है हम