काव्य संग्रह:- प्रेम अमर है ©Pnkj Dixit कब आओगे ? नयनों की छोटी-छोटी तलैया में सागर - सा जल भरा हुआ है । जब से पिया तुम परदेश गये हो कपोलों पर काजल बिखरा हुआ है ।। नयनों से काजल बह - बहकर