चन्द पैसों में जो दे देते है लाखो दुआएं उन फकीरों के सदके उतारा करो करो कुछ और भी जिंदगी में बस इश्क पर ही ना खुद को वारा करो उठी है जो तलवारें तो जाहिर है कत्ल भी होंगे मगर इस खौफ में ना कभी झूठ से हारा करो मैं जो आज हूं वो कल भी रहूंगी बदलने वालों में ना मेरी तरफ कोई इशारा करो जिन जिन के रांझे लहजा तीखा करके दिल तोड़ने पर आमादा हो चले है हर उस हीर से कह दो मलिका ए हुस्न अब मोहब्ब्त से किनारा करो anushka pandit ©Anushka pandit my poetry #faraway