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बुझ गए दीये सारे बोझिल सुबह का ज़ाम है गलियां सा

बुझ गए दीये सारे 
बोझिल सुबह का ज़ाम है

गलियां सारी सूनी पड़ीं
किस बात का पैग़ाम है

खत्म हुआ पटाखों का श़ोर 
   फ़िर सन्नाटे की शाम है...! #लाइफ_रिएलिटी
बुझ गए दीये सारे 
बोझिल सुबह का ज़ाम है

गलियां सारी सूनी पड़ीं
किस बात का पैग़ाम है

खत्म हुआ पटाखों का श़ोर 
   फ़िर सन्नाटे की शाम है...! #लाइफ_रिएलिटी