चल दिल के सारे गम निकालते है, कोई तस्वीर पुरानी, हम निकालते है, वहम है कि, अब वक्त नही मिलता, अा दिल से सारे, वहम निकालते है । इतना बडा न तू बन, न मै बनूँ सुना है बडे लोग, फुरसत कम निकालते है । उन्है जिन्दगी पर यकीं ज्यादा होगा, जो यारो के लिये आज नही, कल निकालते है । मुश्किलो से डरा कौन है, अहले सफर में, ये भी आसाँ कर देगे , आ कोई हल निकालते हैं। (लोकेन्द्र की कलम से) #लोकेंद्र की कलम से