सपने... पकड़ रखा था जिसे घांस के घरौंदों में तितलियों की तरह उड़ गए छोड़ गए...... कुछ रंग मेरे हाथों में जिसे छुते हीं चमक जाते हैं सब फिर उड़ जाते हैं तितलियों की तरह और छोड़ जाते हैं नए रंग रंग हीं तो है मेरी यादें तपिश ने हल्का कर दिया है पर भितर बसें हैं अब भी वही रंग वही रंग वही रंग ©Ramakant Jee Titliyon se sapne #यादों_के_रंग #dewdrops