हम खुदको बदलने को तैयार थे और साथ में ओरो को मगर उन्होने कह दिया मुझसे बदलकर क्या उखाड़ लोगे ----mahesh koli---- ©Mahesh Koli hum to #बदलने को तैयार थे mithilesh kanaujiya कवयित्री सुनीता प्रजापत