Bihari and Hypocrisy राजनीतिक समझ पर ज्ञान ऐसे देंगे जैसे इनसे बड़ा कोई ज्ञानी नहीं हो पर फिर वोट किसी अपराधी को दे आयेंगे। खाने को आटा नहीं बात बिरला और टाटा की करेंगें । गोतिया के सामने अंबानी दिखने की कोशिश करेंगे फिर बाहर राज्य में जा कर मजदूरी करेंगे। गांव समाज में अगर कोई व्यक्ति मेहनत कर के आगे बढ़ना चाह रहा हो तो उसकी लिए अड़चन पैदा करेंगे, और फिर बाद में बिहारी एकता पर ज्ञान देंगे। गांव में रहेंगे तो एक गाली पर मर्डर कर देंगे वहीं बाहर राज्य में हर दिन गाली खायेंगे और निर्लज्ज की तरह बने रहेंगे। बाल बच्चा का मुंह देखे महीना हो जाए भले ही, अपना सुख चैन बेच आयेंगे पर वोट किसी ना किसी अपराधी को दे आएंगे। अजीब से नशा में चूर हैं सब, गलती करेंगे खुद और कहेंगे मजबूर हैं सब। मेहनत से चार पैसा कमाने वाला व्यापारी इनको चोर , दो नंबर का काम करने वाला लगेगा और बेटी का रिश्ता उस सरकारी बाबू से करवाएंगे जिसका आउटी आमदनी हो यानी घुस लेता हो l ©"Vibharshi" Ranjesh Singh मैं भी एक बिहारी हूं