कितनों को? ज़िंदगी होती नहीं वश में फिर भी बेबसी रुलाती है कितनों को टूटकर टुकड़े टुकड़े होते देखते हैं रिश्ते समझ आती है कितनों को बड़ी बड़ी बातें जो दूसरों से की जाती हैं बड़ी आसानी से अक्सर वही बातें उतनी ही आसानी से बोलो समझ आती है कितनों को ✍-राजकुमारी सब दूसरों को समझाने में लगे हैं... ख़ुद की समझ है कितनों को? * #nojoto #nojotohindi #quotes