मिट्टी तेरे रूप अनेक (IN CAPTION) अनेक है कभी गांव की धूल कभी कीचड़ में समाया हुआ कमल का फूल कभी एक किसान की मेहनत कभी खुदा की बरकत कभी दो गज जमीन मिट्टी के रूप अनेक है कभी तबायाफ के घर का सार