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हां, मेरा ये दिल पत्थर हो चुका हैं ! पर मैं ऐसा न

हां, मेरा ये दिल पत्थर हो चुका हैं !

पर मैं ऐसा नहीं था । पता है ,
रात की स्याह रंग जब आंसू बन के सिसक सिसक
कर आंख से दिल में उतर जाते हैं
तो  दिल ही क्या,आदमी भी पत्थर हो जाता है ॥  
🖤

©Sudhanshu Saxena
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