घूंघट में चाँद ढलती हुई रातों में बस ख्वाब सा लगा, आना तुम्हारा पास लाजवाब सा लगा, ओझल न हो उल्लास में मै पट पकड़ लिया, मुखडा तुम्हारा घूँघट में चांद सा लगा।। skp@basti time pass writting घूँघट