कैसे सुधरेगा ये समाज कैसे बदलेगा ये समाज कैसे सुधरेगा ये समाज यहां हर कोई प्यासा है न खून का न पानी का अब तो ये हवस का प्यासा है हवस का पुजारी बन बैठा सद्गुणों में अवगुण ला बैठा इज्जत उतार तू तो इतरा उठा भूख,तड़प,सबकी दवा समझ बैठा तू कैसा युवा अपने हमराही को उजाड़ बैठा तू कैसा युवा पुरूष सरेआम उसे जला फूंका आधुनिकता में समाज को बिगाड़ गया हैवानियत में इंसानियत को उखाड़ दिया कैसे बदलेगा ये समाज,कैसे सुधरेगा ये समाज जब नवीनता में बस वो खुद का हो बैठा। social reform..#socialissues #society #norape #stoprape #modernapproach #savegirl #poems