बीते लम्हें तो कुछ ख़ास बीते नहीं! आज के जैसी कल होती तो शायद, कल का सोच आज इतना रोती नहीं! वो वक़्त बीत गए यादें ही है बची! कल का खौफ़ इतना था मुझमें, की डर से आज को भी समेटी नहीं! शिकायतें ना कल थी ना आज किया.. मग़र ख़ुद से ख़फ़ा तो आज भी हूँ! बस आज में एक बात ख़ास हुई। जानते हो क्या..?"तुम मिल गए मुझे" आज ग़र तुम न मिलते तो शायद.. कल को भी मैं फ़िर से जीती नहीं। ♥️ Challenge-767 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।