समय की चाल की कोई. आवाज तो होती ही नहीं है. पर सुनाई बोहोत देती है. समय के साथ चलना. कभी आया ही नहीं. जब उसके पीछे चले तो. उसने रूलाया बोहोत. जानते हैं. बोहोत पुराना हो गया है. समय के साथ चलने का तरीका. समय के आगे चलने के तरीके. कभी समझ ही नहीं पाऐ. हम. ये समय भी चुप चाप सा चलता रहता है. तीन अक्षरों में छुप कर. 🙏🏼❣️ ©मañjü pãwãr #Nojoto2023NewSayari #manjupawarpoetry #NojotoBoloDilSe # विवेक कान्हेकर(जिंदगी का मुसाफिर,.🚶) Saad Ahmad ( سعد احمد )