बंदिश तो रही सदा, ज़िन्दगी में अपनी.. मगर हक़ीक़त में फिर भी , ख़्वाबों का सफ़र पूरा किया.. जो लगाए थे पहरे, रिश्तों ने हम पे कभी.. आज उन बंधनों को हमने, ख़ुद से जुदा किया.. अब अपने आज़ाद ख़्यालों में, जिया करते हैं.. ऐ ! ज़िन्दगी हम फिर से, तुझ पर भरोसा करते हैं… नमस्कार लेखकों! 🌺 आज का WOTD (Word Of The Day)— बंदिश or Restrictions. 🌻दिए गए शब्द का अपने लेखन में प्रयोग किजिये। 🌻अपने लेखन को आप अपनी मर्ज़ी मुताबिक हिंदी या English में अभिव्यक्त कर सकते है। (Both Hindi and English are allowed.)