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लोरी भटक रही हैं नींदें कब से , कोई तो उन्हें राह

लोरी भटक रही हैं नींदें कब से ,
कोई तो उन्हें राह दीखा दे।
न हो सके कुछ भी गर तो ...
मेरी मां कि वो लोरी सुना,
कोई मुझे उतने हीं प्यार से सुला दे #लोरी
लोरी भटक रही हैं नींदें कब से ,
कोई तो उन्हें राह दीखा दे।
न हो सके कुछ भी गर तो ...
मेरी मां कि वो लोरी सुना,
कोई मुझे उतने हीं प्यार से सुला दे #लोरी