तुमको क्या लगता,.. सबके अंदर होता है एक खालीपन... अधूरापन. यहाँ कोई भी उस स्तर का नहीं जिसके हिस्से आएं दुनिया के सारे सुखन. सबको ही करना पड़ता है यहाँ जतन. अपने खालीपन और अधूरेपन से दोस्ती कर लो. जो जहां है उसे वहीं रहने दो बस अपनी जगह क़ायम और लगाओ खुद के मन से मन. अल्प© You are not the only one,. 🙂