आओ कभी.... मेहफिल-ऐ-इश्क़ सजाओ कभी माना के हम गुनेगार है तेरे इस एक तरफा प्यार के मगर फिर भी एक बार आकर झूठी तौसलिं दिलाओ तो सही by karan #feather