पृष्ठ पृष्ठ को पलटत पलटत गुजरा अपना जीवन । झुलस गया मन तीव्र चुभन से नही मिली संजीवन। तुम्हारे होते होते रोते अब खुद के नही रहे हम । कुछ आसूं बनकर दर्द चिता तक रहें साथ आजीवन ।। गंगवाल अनिल #NojotoQuote शायरी