वक्त कि कीमत का अंदाजा लगा लीजिये वो सायर भी मसरूफ रहता हैं, और वक्त का फ़साना कहता हैं, वो वक्त भी मसरूफ रहता हैं और सब का अफसाना कहता हैं, कहता कुछ यू हैं, ऐ शायर अपने कलम कि स्याही से न बांध मुझे, और न सोच कि थम जाऊ मैं, "क्योंकि सबसे ज्यादा तो, तू ही सफर मे रहता हैं l" ©Deepanjali Patle #NationalSi❤mplicityDay