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मेरे कान्हा की बासुरी। उपरसे रूप ये नूरी। मन भावत

मेरे कान्हा की बासुरी।
उपरसे रूप ये नूरी।
मन भावत लोगनका,
राधा प्रिय कृष्ण मुरारी।...

गोविन्द हरी बोलो गोपाल हरी।.. krushna...
मेरे कान्हा की बासुरी।
उपरसे रूप ये नूरी।
मन भावत लोगनका,
राधा प्रिय कृष्ण मुरारी।...

गोविन्द हरी बोलो गोपाल हरी।.. krushna...