बुराई उस कचरे के समान जो बहती नदी के साथ बहते जाते है इसी तरह इंसान के साथ भी कई बुराइयां बढ़ती जाती है कुछ साईड हो जाती है कुछ साथ चलती जाती है ©santosh uikey #sagarkinare