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मैं न दौलत से न शोहरत, अपने ईमान से प्रेम करता हू

मैं न दौलत से न शोहरत, अपने ईमान से प्रेम करता हू |
लगा दूँगा बाज़ी जान की भी, जो अपने देश से प्रेम करता हू |
मैं युवा हू, मैं कल हू, परिवर्तन का हल भी रखता हूं |
देता रहूं उजला हर दिन, जो धरती का सूरज कहलाता हूं |
ढल गया जो सूरज युवा शक्ति का, अंधकार फिर छायेगा |
कितनी भी करना कोशिश फिर, उगने मे एक रात समय लग जायेगा | # कुछ शब्द युवा के लिए
मैं न दौलत से न शोहरत, अपने ईमान से प्रेम करता हू |
लगा दूँगा बाज़ी जान की भी, जो अपने देश से प्रेम करता हू |
मैं युवा हू, मैं कल हू, परिवर्तन का हल भी रखता हूं |
देता रहूं उजला हर दिन, जो धरती का सूरज कहलाता हूं |
ढल गया जो सूरज युवा शक्ति का, अंधकार फिर छायेगा |
कितनी भी करना कोशिश फिर, उगने मे एक रात समय लग जायेगा | # कुछ शब्द युवा के लिए