वो परी वो हंसी मेरे ख्यालों मैं है क्या गज़ब का सलीका निगाहों मैं है वो तो इक नूर है हमसे क्यूँ दूर है इंतजार है तेरा तुमको को मालूम है तुम हों मेरी हंसी और मेरा सकूँन मेरे मन की तलब वो जरूरत हो तुम हो समाए मेरी सांसो के खेल में जाने मन जाने जा ना रुलाओ हमें ओ मेंरे हमसफ़र ना सताओ हमें #HAPPY_ROSE_DAY मेरी माशूका #