30 मृत्युकाल में कौन किसकी कर सकता है रक्षा? जन्म-जीवनांत,काटने-उगाने में सृष्टि अति दक्षा। मनुज भी अपवाद नहीं इस शाश्वत विधी विधान का, परंतु छीजकर पुनः उभरना प्रमाण उसके अधिमान का। जीवन दर्शन से भरे माता अंगारवती के संदेश, कमतर हुआ सुनकर, उदयन मन जमा क्लेश। ©RAVINANDAN Tiwari #स्वप्नवासवदत्ता #कविता डॉ. अरुणा कृष्णप्रेम Tondak Harlal Mahato #Nojotohindi #Nojoto #nojotowriters #NojotoWriter