Alone ये केसा दोर चल रहा है मेरे कान्हा क्यों उठ रहा है,आपनो से अपनों का साया । दोष शायद मेरी ही नजर में है , क्यों नही दीखता मुझे कोई अपना और पराया ? कई बड़े हादसों से लोट आया हूँ में । तो कई छोटे पथर से चोंट खाया हूँ में । और जो ज्यादा करीब आने की सोच रहे है न सुन लो नज़दीकियों से अक्सर खुद को दूर पाया हूँ में।। A.R.S. ©Anshul Raj Sharma #aloneboy#viralpoem#lovepoetry#onesidelove#sayri.com.