खत पढ़के तेरा में निखर जाता हूँ। याद तुम्हारी आती हैं तो बिखर जाता हूँ शायद कामयाब हो जाऊ मुहब्बत में तेरी, यही उम्मीद करके में हर रोज सवर जाता हूँ। अबु सुफियान""इसमत"" डेहटी ककोड़वा जिला अररिया बिहार कामयाब हो जाऊ