सूखे पत्तो ने आवाज दी सुन ये पतझड़ बहुत सह ली इन हवावो की बेरुखी जब चली हवाएं आस रही एक दिन समेट ले जाएगी शायद उनकी बेरुखी हमसे ख़तम ना हुई बस अब तेरा इंतजार आ ले चल मुझे।। बार बार फड़फड़ाना गैरत नहीं।। @नंद Singh #पत्ते #गैरत #नहीं