यकीं तो नहीं होता लेकिन यही हकीकत है साथ रहकर डंसना ही तुम्हारी फ़ितरत है मैं भी मज़बूर हूँ अपने दिल से क्या करूँ मुझे आस्तीन में तुमको रखने की आदत है ऐसा नहीं कि तेरी साज़िशों से बेखबर हूँ मैं आजमा रहा हूँ कि तुममें कितनी शराफ़त है सच कहता हूँ तो नज़रों में चुभ जाता हूँ मैं तुम्हारी झूठ लेकिन बहुत ही खूबसूरत है ख़ुश हूँ तुम्हारी बुलंदियों को देखकर यकीं मानो थक जाओ तो आ जाना ज़मीं से मेरी सोहबत है #फ़ितरत