#DearZindagi #DearZindagi लोग कहते हैं जिंदगी का सफर बहुत लंबा हैं ,अभी तो बस शुरुआत हैं मंजिल तो अभी बाकी हैं जिंदगी अभी बाकी हैं समझ नहीं आता रास्ते ऐसे भूलभुलैया वाले क्यों हैं? जब चलते हैं हम तो रेल की पटरियों की तरह ट्रैक बदल जाते हैं चलते-चलते थक बहुत जाते हैं, रुक के भी चूक सब जाते हैं समझते हुये जिंदगी के अनुभव सम्भल बहुत जाते हैं पर अफ़सोस की किताबें भरते चले जाते हैं ए जिंदगी!कुछ मिलता हैं कुछ छूट कहीं जाता हैं हँसते हैं कभी,कभी रो बहुत जाते हैं खुद की परछाई से कभी-कभी डर बहुत जाते हैं सूरज की किरण के सहारे कभी निखरते भी हैं फिर भी अँधेरे में चलता जाये कोई साथी ही उम्रभर का सच्चा हमराही साबित हो जाता हैं ए जिंदगी!!समुन्द्र तो वाकिफ हैं अपनी गेहराई से पूरी तरह बस हमें उसमे उतरना बाकी हैं, उसमे अपनी नाव चलाना बाकी हैं हैं तनाव के झूले इसमें कभी तूफान भी आता जरूर हैं अगर कभी मन करे उसका तो शांत के झकोले भी देता जरूर हैं फिर भी ए जिंदगी!!ये तय हमे ही करना हैं हमारी मंजिल की राह ले जानी कहाँ है? रुक जाना हैं वहीं या डूब जाना हैं कहीं या भीड़ जाना हैं दरिया में कहीं अब तय यही करना हैं हमें किनारे तक जाना हैं? ए जिंदगी!!तू बहुत कुछ सिखाती हैं #DearZindagi जिंदगी बहुत कुछ सिखाती हैं😊😊👍