हम तुम मिले थे चले थे कहाँ से, चली थी ये नदियाँ हवाएँ जहाँ से, कहाँ आ गए हम कहाँ तुम गये हो, कहाँ ज़िंदगी आ गयी है कहाँ से, कभी ये महकता चहकता था गुलशन, तो आई ये आँधी ख़िज़ाएं कहाँ से, सुनाई है देता तुम्हें तो बताओ, हमें आ रही हैं सदाएँ कहाँ से, कल तक यहाँ आसमाँ नहीं था, कहो आ गई कहकशाएं कहाँ से, हमेशा मुझे मुस्कुराने को कहते, बताओ तुम्हीं मुस्कुराएं कहाँ से। हम तुम प्रेम के क़ैदी। #हमतुम #collab #yqdidi #yourquoteandmine Collaborating with YourQuote Didi