बाट डाले, अलग जाति धर्म समाज में! पर कौन सुनता किसी की सिसकती दर्द आवाज में!! कहने को अलग है खुदा इबादत में! पर पुरुष प्रधान में पिसती महिला भरे बाज़ार में!! देख खुदा, तेरे इस जन्नत में! कैसा परिंदा है, जो बाँध रहा खुद, खुद का फंदा है!! ©Prabodh Raj #first #hindi #kavita #nojoto #womenequality #inspired #aayesha #make #womensafe #standAlone