स्वर्गीय अरुण जेटली जी के स्मृतियों में:- अभी आधुनिकता का ठहराव है अपने बहुतेरे संयोग और निर्माण लक्ष्य लिए आगाज है,सबका साथ व विकास दृष्टिकोण निहित प्रारूप दरकार की,सरकार की त्रुटिहीन भी नहीं,गरिमा दीन भी नहीं मुख्यधारा की ओर,विषय वस्तु पर जोर संगठनों में नव ऊर्जा का प्राण प्रयास,असंख्य हो चुकी कुरीतियों से निदान समसामयिक व अभूतपूर्व स्तर के अनुरूप का प्रारूप और ये रिक्तियाँ! कुछ ही राजनीतिज्ञ अपने स्पष्ट तार्किक बयान से लोकतंत्र की सेवा करते है। #bjp #विप्रणु #yqdidi #yqquotes #inspiration #arunjaitely