ना जाने कितनी गुस्ताखियों की शुरुआत हुई, इन्ही गुस्ताखियों से हमारी जिन्दगी बर्बाद हुई, क्यों तुझे देखकर मैनें नजरें नहीं घुमाई, क्यों मैं तुझे देखकर खामखां मुस्कुराई, इन्हीं गुस्ताखियों से मोहब्बत की शुरूआत हुई, मोहब्बत में ख्वाब आबाद होने को हुई, मगर मोहब्बत में ही हमारी जिन्दगी बर्बाद हुई।।