उदासियों में आज बरकत सी नज़र आती है, खिलते फूलों में नमी की शिरकत नज़र आती है, ___________________________ मौहम्मद इब्राहीम सुल्तान मिर्जा,, उदासियों में आज बरकत सी नज़र आती है, . खिलते फूलों में नमी की शिरकत नज़र आती है, . (M.I.S.MIRZA,)