अगर शीशे मे दिल होता तो आईना हमारी रोती हूयी सकल हसती हुयी दिखाकर इशक मे झूठ बोलना सीख जाता अगर शीशे मे दिल होता तो इंसान किसी और के सामने नही आईने के सामने खुद की नजर मे गिरने से डरता अगर शीशे मे दिल होता तो आईना किसी पथ्थर या गिरने से नही किसी के आँसू देखकर टुकडे टुकडे हो जाता अगर शीशे मे दिल होता तो शराब की बोतल मे नशा दुगना हो जाता