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"तुम्ही तो मेरी प्रेयसी हो, जिसके सहारे मैं और मेर

"तुम्ही तो मेरी प्रेयसी हो, जिसके सहारे मैं और मेरा मैं ज़िंदा है।
बदहाली में भी  प्यार का अहसास कम नही होता,
तुम्हारा मुझसे,
 शायद मेरे स्पर्श में कोई जादू स है , 
जो मेरी धड़कनो और तुम्हारी साँसों की रफ्तार को बढ़ा देता है।
मैं धक-धक करने लगता हूँ ।
और तुम शुरू हो जाती हो,
शायद यही प्रेम है।"
              DRP. मेरी प्रेयसी हो...
"तुम्ही तो मेरी प्रेयसी हो, जिसके सहारे मैं और मेरा मैं ज़िंदा है।
बदहाली में भी  प्यार का अहसास कम नही होता,
तुम्हारा मुझसे,
 शायद मेरे स्पर्श में कोई जादू स है , 
जो मेरी धड़कनो और तुम्हारी साँसों की रफ्तार को बढ़ा देता है।
मैं धक-धक करने लगता हूँ ।
और तुम शुरू हो जाती हो,
शायद यही प्रेम है।"
              DRP. मेरी प्रेयसी हो...
dhaniramnirdhan2139

Dhaniram

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मेरी प्रेयसी हो... #विचार