"तुम्ही तो मेरी प्रेयसी हो, जिसके सहारे मैं और मेरा मैं ज़िंदा है। बदहाली में भी प्यार का अहसास कम नही होता, तुम्हारा मुझसे, शायद मेरे स्पर्श में कोई जादू स है , जो मेरी धड़कनो और तुम्हारी साँसों की रफ्तार को बढ़ा देता है। मैं धक-धक करने लगता हूँ । और तुम शुरू हो जाती हो, शायद यही प्रेम है।" DRP. मेरी प्रेयसी हो...