मेरी पहचान सदकर्म ही मेरी पूजा,कर्मों से मेरी पहचान है, जिन घट बसे ईमान,उन घट रहते भगवान है। मन बन गया मेरा शिवालय,कर्म मेरी पूजा है, वेद पुराण ग्रंथो में कर्म का महत्व ही गूंजा है। जीवन में मिलता सुख दुख कर्म आधारित है, जीवन भर कर्मो का लेखन होता संधारित है। JP lodhi 19/04/2021 ©J P Lodhi. #PoetInYou #poetryunplugged #Nojotowriters #Nojotonews #NojotoFilms #Nojotofaimly #Poetry