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आखें पढने वालों से, कया मुख छुपाते हो, अगर मुसकान

आखें पढने वालों से,
कया मुख छुपाते हो,

अगर मुसकान समझ न पाए, 
हुये शायर ही कहा के,

शायिर का दरजा देकर, 
सब कुछ भुल क्यो जाते हो,

आँखे पढने वालों से, 
कया मुख छुपाते  हो ।

#0708P160120210

©Dawinder Mahal आखें पढने वालों से,
कया मुख छुपाते हो,
अगर मुसकान समझ न पाए, 
हुये शायर ही कहा के,
शायिर का दरजा देकर, 
सब कुछ भुल क्यो जाते हो,
आँखे पढने वालों से, 
कया मुख छुपाते  हो ।
आखें पढने वालों से,
कया मुख छुपाते हो,

अगर मुसकान समझ न पाए, 
हुये शायर ही कहा के,

शायिर का दरजा देकर, 
सब कुछ भुल क्यो जाते हो,

आँखे पढने वालों से, 
कया मुख छुपाते  हो ।

#0708P160120210

©Dawinder Mahal आखें पढने वालों से,
कया मुख छुपाते हो,
अगर मुसकान समझ न पाए, 
हुये शायर ही कहा के,
शायिर का दरजा देकर, 
सब कुछ भुल क्यो जाते हो,
आँखे पढने वालों से, 
कया मुख छुपाते  हो ।