आखें पढने वालों से, कया मुख छुपाते हो, अगर मुसकान समझ न पाए, हुये शायर ही कहा के, शायिर का दरजा देकर, सब कुछ भुल क्यो जाते हो, आँखे पढने वालों से, कया मुख छुपाते हो । #0708P160120210 ©Dawinder Mahal आखें पढने वालों से, कया मुख छुपाते हो, अगर मुसकान समझ न पाए, हुये शायर ही कहा के, शायिर का दरजा देकर, सब कुछ भुल क्यो जाते हो, आँखे पढने वालों से, कया मुख छुपाते हो ।