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जब तुम कभी-कभी सरगोशी करती है तो यूँ लगता है जैसे

जब तुम कभी-कभी सरगोशी करती है तो यूँ लगता है जैसे किसी दुल्हन का आंचल सरसराया है । तुम जब बोलती है तो यूँ लगता है जैसे कोयल ने गीत गाया है, जैसे किसी क्लासिकल मुगन्नी ने राग ठुमरी की तान छेड़ी है, जैसे किसी अरेबिक सिंगर ने राग पहाड़ी में अलाप लगाया है । तुम जब बोलती हो तो यूँ लगता है जैसे शीशी से शीशी टकारई है, जैसे किसी कत्थक रक्काशा ने अपने पैरों को जुंबिश देकर हौले से घुंघरू बजाकर दिल को दरवाज़े पर दस्तक दी है ।

©Daniyal
  #love❤ #LoveStory #indianlove #nojolove  Bh@Wn@ Sh@Rm@  Laxman Roy SHAYAR (RK) chulbul Faiz Siddiqui