हैं खामोश कीतनी ये यातें बिन तेरे कुछ अल्फ़ाज़ छुपाए धड़कन में खुद से खुद तक बस फ़ाशले बढ़े अब कई रात बीत रही अश्कों के हिरासत में Pc Google